GST 2.O: एक नया अध्याय!
नमस्कार दोस्तों फैक्ट वाटिका में आपका स्वागत है! 🌿GST 2.0 क्या है? What is GST 2.0?
भारत में जीएसटी कब लागू किया गया था?
Goods & Services Tax भारत में एक ऐतिहासिक कर सुधार के रूप में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसे "One Nation, One Tax" की अवधारणा के तहत पेश किया गया, जिसका उद्देश्य देशभर में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली स्थापित करना था।
Value Added Tax (VAT):-
Journey to GST- Milestones:-
Key Highlights Tax System Reformation:-
- 1974: VAT की नींव (LK Jha Committee ने Value Added Tax (VAT) का सुझाव दिया।)
- 1986: MODVAT (VP Singh ने चुनिंदा वस्तुओं पर MODVAT (Modified VAT) पेश किया।)
- 1991: VAT Recommendation (Raja Chelliah Committee ने VAT की सिफारिश की।)
- 1994: सर्विस टैक्स की शुरुआत (भारत में Service Tax लागू किया गया।)
- 1999-2002: केंद्रीय VAT का एकीकरण (11 एक्साइज रेट्स को मिलाकर सेंट्रल वैल्यू एडेड टैक्स बनाया और सभी कमोडिटीज़ पर लागू किया।)
- 2000: GST का कॉन्सेप्ट (GST की परिकल्पना की और GST मॉडल डिज़ाइन करने के लिए एक समिति बनाई।)
- 2003-06: VAT का विस्तार और FRBM (FRBM Committee जिसने GST की सिफारिश की।)
- 2006: GST की घोषणा (बजट भाषण में 1 अप्रैल 2010 से GST लागू करने की घोषणा की।)
- 2011: संवैधानिक संशोधन बिल (115वाँ संशोधन) बिल, GST लागू करने के लिए पेश किया गया।)
- संविधान (122वाँ संशोधन) (GST) बिल, 2014 पेश किया गया और मई 2015 में पास हुआ।
- अगस्त 2016: संविधान (101वाँ संशोधन) अधिनियम लागू किया गया।
- सितंबर 2016: 101वें संशोधन (GST काउंसिल का गठन और इसकी पहली बैठक हुई।)
- 1 जुलाई 2017: GST लॉन्च (GST को पूरे भारत में लॉन्च किया गया।)
पहले, GST में कई तरह के टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) थे। GST 2.0 में, सरकार ने इस व्यवस्था को बहुत सरल कर दिया है। इस बदलाव के साथ, 12% और 28% के स्लैब को हटा दिया गया है, जिससे टैक्स की गणना और वर्गीकरण (classification) आसान हो गया है। अब सिर्फ तीन मुख्य टैक्स स्लैब हैं:
पहले, GST में कई तरह के टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) थे। GST 2.0 में, सरकार ने इस व्यवस्था को बहुत सरल कर दिया है। इस बदलाव के साथ, 12% और 28% के स्लैब को हटा दिया गया है, जिससे टैक्स की गणना और वर्गीकरण (classification) आसान हो गया है। अब सिर्फ तीन मुख्य टैक्स स्लैब हैं:
- 22 सितंबर 2025: GST 2.0 - एक नया अध्याय!
- 5% (Merit Rate): आवश्यक खाद्य और कृषि उत्पाद।
- 18% (Standard Rate): अधिकांश सामान और सेवाएँ।
- 40% (Demerit Rate): लग्ज़री और सिन गुड्स।
इसके मुख्य फायदे (Key Benefits):- 🤩
1. आम उपभोक्ता के लिए राहत (Relief to Common Consumers):
2. व्यापार में आसानी (Ease of Doing Business):
3. आर्थिक विकास (Economic Growth) को बढ़ावा:
(i) टैक्स कम होने से लोगों की Purchasing Power बढ़ेगी, जिससे बाज़ार में मांग (Demand) बढ़ेगी।(ii) यह उद्योगों, खासकर MSME (Micro, Small, and Medium Enterprises) सेक्टर को बढ़ावा देगा।(iii) सप्लाई चेन (supply chain) और लॉजिस्टिक्स (logistics) में भी सुधार होगा।
संभावित Pros & Cons:-
Pros:
(i) Simplification: टैक्स प्रणाली को सरल बनाना।
(ii) Reduced Prices: कई उत्पादों और सेवाओं पर कीमतों में कमी।
(iii) Boosting Demand: उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देना, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
(iv) Correcting Inverted Duty Structure: कुछ मामलों में Input पर अधिक टैक्स और Output पर कम टैक्स की समस्या को हल करना।
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